संवाददाता आरती सेठ
वाराणसी- उत्तर वाहिनी गंगा के अर्धचंद्राकार छटा में आठ और नए घाट चार चांद लगाएंगे। स्मार्ट सिटी के तहत कच्चे घाटों को विकसित करने का खाका तैयार कर लिया गया है। निकाय चुनाव के बाद घाटों का कायाकल्प होगा। इस परियोजना पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनके विकास के बाद वाराणसी में घाटों की संख्या बढ़कर 93 हो जाएगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नमो घाट के नए स्वरूप की बढ़ती लोकप्रियता और जल परिवहन को सड़क मार्ग से जोड़ने की कवायद ने गंगा घाटों की शृंखला को और विस्तार दे दिया है। स्मार्ट सिटी ने अस्सी और राजघाट की ओर से कच्चे घाटों का चयन किया है, जिन्हें पूर्ण रूप से विकसित किया जाएगा। साथ ही पर्यटन के नए केंद्र बनाए जाएंगे। इन घाटों को जल परिवहन से जोड़ा जाएगा। स्मार्ट सिटी की तरफ से नए घाटों की डिजाइन बनाई जा रही है।
नमो घाट से उड़ेंगे हेलिकॉप्टर
स्मार्ट सिटी ने करीब 60 करोड़ रुपये से नमो घाट तैयार किया है। इसके फेज-2 का निर्माण चल रहा है। हेलिपोर्ट भी बनाया जा रहा है। जो योजना है, उसके मुताबिक, हेलिपोर्ट से दो हेलिकॉप्टर उड़ान भरेंगे, जो अयोध्या और प्रयागराज तक जाएंगे। इससे नमो घाट के पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। , यहीं से जल परिवहन को और विस्तार दिया जाएगा।
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट का भी कायाकल्प
नमामि गंगे परियोजना के तहत मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट का भी कायाकल्प कराया जाएगा। मणिकर्णिका घाट पर 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। बेतरतीब व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। अंतिम संस्कार के लिए गैस आधारित व्यवस्था को बढ़ाने की तैयारी है। ठीक इसी तरह हरिश्चंद्र घाट पर सात करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
सीएसआर के तहत भी धन जुटाने की तैयारी
घाटों के कायाकल्प की योजना को मूर्त रूप देने के लिए प्रशासन कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड का सहारा लिया जाएगा। दरअसल, काशी में कई बड़ी कंपनियां सीएसआर फंड से विकास कराने का प्रस्ताव देती हैं। प्रशासन अब घाटों के विकास में कंपनियाें का सहयोग लेना चतता है।
इस संबंध में कौशल राज शर्मा, मंडलायुक्त ने बताया कि आठ नए घाटों के निर्माण की योजना है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के विकास का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। इसे जल्द ही अंतिम रूप देकर काम शुरू कराया जाएगा।-