काशी की निर्भया के तीन आरोपियों को पुलिस ने दो महीने बाद गिरफ्तार कर भेजा जेल, छात्राएं बोलीं- न्याय मिलने में हुई देरी

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

वाराणसी-आईआईटी बीएचयू में 1 नवंबर की रात बीटेक की छात्रा से हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में कई घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने प्रेस नोट नहीं जारी किया है। वहीं देर शाम पुलिस टीनों आरोपियों को लेकर वाराणसी न्यायालय पहुंची। यहां उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में अभी भी पुलिस कुछ कहने से बच रही है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें देर रात 30 दिसंबर को वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इन्हे पकड़ने में 6 टीमें लगी थी जिसमें एसटीएफ भी शामिल थी।

14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए काशी की निर्भया के आरोपी
बीएचयू आईआईटी में एक नवंबर को हुई घटना के बाद पूरे कैंपस में आक्रोश था। आईआईटी स्टूडेंट्स ने लगातार 11 घंटे प्रोटेस्ट किया। इस दौरान बीएचयू कैम्पस में दीवार की बात आई तो कई संगठनों सहित प्रोफेसर्स ने भी आक्रोश दिखाया। इस घटना के ठीक दो महीने बाद पुलिस को इसमें सफलता मिली और कुणाल पांडेय निवासी बृज इनक्लेव कालोनी, थाना भेलूपुर, वाराणसी, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान निवासी जीवधीपुर, बज़रडीहा, थाना भेलूपुर, वाराणसी और सक्षम पटेल निवासी जीवधीपुर, बजरडीहा, थाना भेलूपुर, वाराणसी को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी आरोपियों को दिन भर पुलिस ने अपनी कस्टडी में रखकर पूछताछ की। उसके बाद देर शाम उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच कचहरी लेकर पहुंचे जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जले भेज दिया गया।

पहले से बेहतर हुई व्यवस्था पर न्याय मिलने में देरी
इस दौरान के एन न्यूज़ ने जब बीएचयू की छात्राओं से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि ‘पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा है वो बधाई की पात्र है पर यह कार्रवाई और पहले होनी चाहिए थी। वहीं उन्होंने कहा कि पहले से काफी व्यवस्थाएं कैंपस में ठीक हुई हैं विश्वविद्यालय के लेकिन अभी भी रात में बाहर निकलने में एक डर रहता है। छात्राओं ने कहा कि पुलिस को इस घटना को सॉल्व करने में समय लिया। उन्हें और पहले इन्हे पकड़ लेना चाहिए था।

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