संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय
चकिया-राम के नाम का स्मरण करना बहुत ही सरल है,क्योंकि राम की भक्ति ही गंगा की धारा है। भगवान का सच्चे मन से नाम लेने मात्र से ही मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। और मनुष्य को सारे कामों से हटकर ईश्वर की भक्ति भी जरूर करनी चाहिए। क्योंकि जब तक जीवन में भक्ति नहीं होती है।तब तक भगवान सुनने और मिलने वाले नहीं हैं। उक्त बातें नगर के मां काली मंदिर पोखरे पर नौ दिवसीय श्री राम कथा महायज्ञ कार्यक्रम के प्रथम दिन काशी से पधारी कथावाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कही।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में ईश्वर के दो चीजें बहुत ही जरूरी होती हैं,श्रद्धा और विश्वास।और इसमें भी विश्वास पहले होता है और श्रद्धा बाद में होती है। क्योंकि विश्वास कभी जाने वाला नहीं होता है, और श्रद्धा किसी के प्रति आती है और चली जाती है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति संसार से प्रेम करता है।वह रागी होता है।और जो भगवान से प्रेम करता है,वह अनुरागी होता है,और जब व्यक्ति को सृष्टि से प्रेम हो जाए तो वह बैरागी होता है। वहीं उन्होंने कहा कि राम कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मेरे छोटे बच्चों को लेकर बात बताई और कहा छोटे बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं, बच्चों को अगर भक्ति करना सिखाना है तो बचपन से उन्हे सिखाएं।कथा के प्रथम दिन शालिनी त्रिपाठी ने श्रोताओं को रामायण के मंगला चरण का वर्णन सुनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि चकिया विधायक कैलाश आचार्य व चैयरमेन गौरव श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस दौरान कार्यक्रम में पूर्व चेयरमैन कैलाश प्रसाद जायसवाल,गौतम त्रिपाठी,महंत अनूप गिरी, विजयानंद द्विवेदी, रामकिंकर राय,अवध बिहारी मिश्रा, पप्पू चौबे,राहुल त्रिपाठी,सविता देवी, सपना पाण्डेय, चंद्रकला पटेल,कालिका देवी,सुषमा दुबे सहित तमाम लोग मौजूद रहे।