Thursday, November 21, 2024
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चकिया- पेट में संक्रमण बीमारी से ग्रसित सीआरपीएफ जवान की इलाज के दौरान मौत,मचा कोहराम

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

शहाबगंज-कस्बा निवासी व चकिया क्षेत्र के सोनहुल स्थित सीआरपीएफ ग्रुप ट्रेनिंग सेंटर तैनात जवान अमित कुमार की वाराणसी के पॉपुलर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया। और रो रो कर बुरा हाल हो गया। वही सीआरपीएफ जवान के निधन की खबर लगते हैं सीआरपीएफ विभाग भी अपने साथी को खोने के बाद शोक में डूब गया। जहां सोमवार की सुबह जवान का शव सीआरपीएफ परिसर में लाया गया जहां श्रद्धांजलि और सलामी देने के बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव श शहाबगंज लाया गया। जहां जवान के पार्थिव शरीर को देखने के लिए आसपास के लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। वह अपने बेटे के शव को देखकर मां बेसुध हो जा रही थी। वहीं पत्नी और बच्चों का भी रो रो कर बुरा हाल था। जवान केशव को सीआरपीएफ के अधिकारियों ने परिजनों को सौंप दिया।

जानकारी के मुताबिक शहाबगंज कस्बा निवासी पारसनाथ राम के पुत्र अमित कुमार की 2013 में सीआरपीएफ भर्ती हुई थी। जिसके बाद से सब कुछ ठीक चल रहा था। जहां पिछले 20 मई को अचानक उनके पेट में दर्द होने लगा। जिसके बाद उन्हें सीआरपीएफ जवानों द्वारा वाराणसी के पॉपुलर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ बल्कि हालत और बदतर होती चली गई। वही 28 मई की रात को इलाज के दौरान सीआरपीएफ जवान अमित कुमार ने अंतिम सांस ली। जहां सोमवार की सुबह अधिकारियों द्वारा उनका पार्थिव शरीर सीआरपीएफ ग्रुप ट्रेनिंग सेंटर लाया गया जहां राजकीय सम्मान के साथ उनको श्रद्धांजलि व सलामी दी गई। जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव शहाबगंज लाया गया। और वहां भी राजकीय सम्मान के साथ सलामी देने के बाद उनके परिजनों को अंत्येष्टि के लिए सौंप दिया गया। जहां सीआरपीएफ जवान का सब घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। उनके परिजनों सहित पत्नी व बच्चों का रो-रोकर पूरी तरह से बुरा हाल है।

मासूमों के सर से उठा पिता का साया
आपको बताते चलें कि सीआरपीएफ में तैनात जवान अमित कुमार के दो पुत्रियां और एक पुत्र भी हैं। जोकि काफी छोटे हैं। और उनके मौत के बाद पूरे परिवार को काफी गहरा सदमा लगा है। वहीं दूसरी ओर तीनों बच्चों के सर से पिता का साया उठ गया। अपने पिता के शव को देखते ही बच्चे उठो ना पापा की आवाज लगाते रहे‌। जिसको देखकर हर सभी की आंखें नम रह गईं। वही अपने पति के शव को देखकर पत्नी भी बेसुध हो जा रही थी।

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