Saturday, March 15, 2025
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चंदौली की सड़क है,चांद की सह नहीं, दिन में तो खा ही रहे हैं हिचकोले,मगर चांदनी रात में भी संभल कर चलिए भैया

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- सरकार भले ही प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा करती हो, जिससे लोगों को यात्रा करने में आसानी हो, लेकिन यह सिर्फ कई दिखावा बनकर रह गया है, और धरातल पर कुछ और ही नजारा देखने को मिल रहा है। जिसका खामी आज आम जनता को भगत ने को मिल रहा है, जिसमें लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ रही है। और सुबह से घर से निकले लोग अपनी जान हथेली पर रखकर ही गड्ढा युक्त सड़कों से यात्राएं कर रहे हैं।

एक ऐसी ही तस्वीर लोगों को दिखा रहे हैं, जो कोई चांद से मिली तस्वीर नहीं है बल्कि चंदौली जनपद के चकिया विधानसभा क्षेत्र के चकिया-हाटा मार्ग का है। जिस मार्ग पर लोगों का चलन वर्तमान में दुश्वार हो गया है। और लोग परेशानियों को झेलकर आवागमन कर रहे हैं, और लगातार लोग गिरकर भी चोटिल हो रहे हैं। आपको बताते चलें कि दिन में तो लोग इस मार्ग पर हिचकोले खाते हुए चलते हैं। कोई चार पहिया वाहन अगर बगल से गुजर जाए तो पैदल चलने वालों के कपड़े गीले हो जाते हैं। वहीं अगर दिन की बात को छोड़ दिया जाए तो लोगों को चांदनी रात में तो संभाल कर ही चलना पड़ेगा। वरना गड्ढों से भरे इस सड़क पर पैदल चलने में क्या हाल होगा। इसका तो ऊपर वाला ही मालिक है।

गहरी निद्रा में सो रहे जनप्रतिनिधि व अधिकारी
आपको बताते चने की चकिया विधानसभा क्षेत्र के क्षतिग्रस्त पड़े सड़कों को लेकर जब जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के सामने बात रखी जाती है तो केवल उनका बोला आश्वासन ही मिल पाता है। लेकिन निकम्मे जनप्रतिनिधि एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं, और क्षतिग्रस्त सड़कों को बनवाने की जहमत नहीं उठाते। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतने पड़ते हैं।

विधायक ने सीएम के सामने उठाया था मुद्दा
आपको बताते चलें कि चंदौली जनपद में अधिकतर चकिया विधानसभा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त और गड्ढा युक्त सड़के भरी पड़ी है। जिसके मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहे हैं, और लोगों को क्षतिग्रस्त सड़कों से अब आगमन करना भारी पड़ रहा है। जिसको लेकर चंदौली जनपद में पिछले कुछ महीने पूर्व इकदिवासी दौरे पर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के जनसभा में चकिया विधायक कैलाश खरवार में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करना होने को लेकर मुद्दा उठाया था। लेकिन कम कैसे ज्ञान में भी मामला जाने के बाद विभागीय अधिकारी मौन बने रहे। और मरम्मत करने की जमात नहीं उठाये।

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