संवाददाता कार्तिकेय पांडेय
चकिया- नगर के स्थानीय तहसील परिसर में कई वर्षों पूर्व तहसील परिसर में बने आवासीय भवन एवं विभागीय अधिकारियों के पानी सप्लाई के लिए बनवाई गई पानी टंकी वर्तमान समय में शोपीस बन गई है। और निर्माण से लेकर अब तक इसमें पानी की सप्लाई कभी नहीं की गई। जिससे तहसील के कर्मचारियों और आवास में रहने वाले अधिकारियों को हैंडपंपों में समर्सिबल एवं अन्य जगहों से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। जिससे कभी-कभी तो परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। नहीं वर्तमान समय में पानी टंकी के ऊपर बनी लोहे की सीढ़ी बंदरों के उछल कूद से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। रेलिंग के सहारे केवल खड़ी है। बंदरों द्वारा उछलते समय पूरी तरीके से सीढ़ी हिलती रहती है। जिससे टंकी के नीचे से आवागमन करने वाले लोगों एवं दुकानदारों को काफी भय रहता है कि अगर सीढ़ी अचानक नीचे गिरी तो कई लोगों की जान जा सकती है।
आपको बताते चलें कि पिछले कई वर्षों पूर्व तहसील परिसर में पानी की सप्लाई के लिए जल निगम द्वारा पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। लेकिन निर्माण के बाद से ही पानी टंकी भ्रष्टाचार की चपेट में आ गई। और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते टंकी के नीचे का हिस्सा सही से नहीं बनाया गया, जिससे टंकी में रिसाव हो जाने के कारण पानी का ठहराव नहीं हो पाता है। वही सबसे बड़ी बात तो यह है कि जल निगम द्वारा अभी तक तहसील प्रशासन को उक्त पानी टंकी को हैंड ओवर भी नहीं किया गया है। टंकी के ऊपर लगी लोहे की वजनदार सीढ़ी बंदरों के उछल कूद से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे टंकी के नीचे से आवागमन करने वाले लोगों एवं छोटे-मोटे दुकानदारों को हमेशा यह खतरा बना रहता है कि कभी भी अगर सीढ़ी नीचे गिर गई तो कई लोगों की जान जा सकती है। जिसको लेकर कई बार तहसील प्रशासन द्वारा जल निगम को इसकी सूचना दी गई। लेकिन जल निगम इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। तहसीलदार डॉक्टर बंदना मिश्रा द्वारा जल निगम को क्षतिग्रस्त सीढ़ी की मरम्मत कराने के लिए पत्र भी लिखा गया है। लेकिन अब तक जल निगम के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा। और जल निगम इसको लेकर पूरी तरीके से लापरवाह दिखाई दे रहा है।