संवाददाता कार्तिकेय पांडेय
चंदौली-जनपद में अब तक आने वाले कई आईएएस अफसरों को आपने देखा होगा। और उनके काम करने का तरीका और नजरिए को भी परखा होगा। लेकिन उन सभी जिलाधिकारियों में सबसे अच्छा कार्य और और तरीका जिले की तत्कालीन जिलाधिकारी ईशा दुहन का रहा। जिन्होंने अपने सबसे कम समय के कार्यकाल में जनपद में बहुत सारे ऐसे कार्य किए। जो कि अन्य अधिकारियों के बस की बात नहीं थी। और शायद ही ऐसा आगे कोई अधिकारी आए जो कि उनकी पहल को बढ़ा सकें।
आपको बताते चलें कि 2014 बैच के आईएएस अफसर ईशा दुहन जब वाराणसी जनपद से चंदौली में जिला अधिकारी के पद पर ट्रांसफर होकर आई थीं। और चार्ज संभालते ही सख्त तेवर में नजर आईं। और वह सभी विभागीय अधिकारियों को अपने सामने देखना चाहती थीं। जिससे अधिकारी बिल्कुल भी लापरवाही ना करें और सभी अधूरे कार्यों को समय सीमा के अंदर बिना लापरवाही किए पूर्ण करें।
डीएम ने खुद पहल कर चलाया था जन चौपाल अभियान
इसके साथ ही अगर हम बात करें तो ग्रामीण क्षेत्र सहित वनांचल इलाके के विभिन्न सुदूरवर्ती गांवों तक पहुंच कर आम जनता की समस्याओं को सुनने के लिए डीएम ईशा ने खुद पहल करते हुए जन चौपाल कार्यक्रम लगाने की ठानी। और अधिकारियों के साथ गांव गांव पहुंचकर जन चौपाल के माध्यम से उनकी समस्याओं को सुनकर तत्काल निस्तारण करती थीं। वहीं डीएमके इस पहल को लेकर ग्रामीणों में भी काफी उत्सुकता रहती थी। और उनके पहुंचते ही ग्रामीण खुलकर अपनी समस्याओं को रख सकते थे। लेकिन वही देखना यह होगा कि क्या डीएम के तबादले के बाद नवागत डीएम इस पहल को कितना आगे ले जाते हैं या फिर यह यहीं समाप्त हो जाती है।
धान खरीद को लेकर काफी सक्रिय दिख रही थी डीएम साहिबा
आपको बताते चलें कि चंदौली जनपद में पिछले साल जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी रहे संजीव सिंह के कार्यकाल के दौरान धान खरीद को लेकर किसानों ने काफी मारामारी सही और नेशनल हाईवे तक को जाम रखा। जिसके बाद उनकी समस्याओं का किसी तरह हल हो पाया था। लेकिन इस बार जिलाधिकारी के कड़े तेवर को देखकर अधिकारी ही पूरी तरीके से किसानों की धान खरीद को लेकर सक्रिय नजर आए। और बड़े ही शांति और समय सीमा के अंदर किसानों के धान खरीद की जा सकी। और किसी भी करा केंद्र पर माप,तौल या कोई शिकायत नहीं मिल सकी।
वनांचल इलाके के डेवलपमेंट के लिए सक्रिय थीं डीएम ईशा
अपने कार्यकाल के दौरान जिलाधिकारी द्वारा बहुत से सराहनीय कार्य किए गए जिसमें कि उनका सबसे पहला फोकस बनाना चल इलाके में स्थित बांध, सेंचुरी और जलप्रपातों पर काफी कुछ डेवलपमेंट करना था। जिसके लिए फायदा तैयार कर डीएम द्वारा शासन को भी भेज दिया गया था। और शासन से पैसा भी पास हो चुका था। और भी डीएम की नजर में कई ऐसे कार्य बचे थे जिनको वह पूरा करना चाहती थी जिससे लोगों को रोजगार के भी अवसर मिल सके। लेकिन बीच में ही तबादला हो जाने के बाद अब चंद्रप्रभा इलाके के जलप्रपात ओं का कितना विकास हो पाएगा यह देखने वाली बात होगी।
डीएम के कार्यकाल में हजारों युवकों को मिला रोजगार
डीएम ईशा दुहन द्वारा जनपद में अपने कार्यकाल के दौरान बेरोजगार पड़े युवकों के लिए विभिन्न कंपनियों के माध्यम से जनपद में विभिन्न जगहों पर कैंप,या एक वृहद पैमाने पर चौपाल इत्यादि का आयोजन कर नौकरी की तलाश कर रहे हजारों युवाओं को विभिन्न कंपनियों में रोजगार दिलाने का भी डीएम ने काम किया। जिसकी लोग आज भी सराहना करते नजर आते हैं।
वहीं अब देखना यह होगा कि डीएम ईशा दुहन तबादला हो जाने के बाद चंदौली के नए जिलाधिकारी निखिल टीकाराम द्वारा पूर्व में उनके द्वारा की गई पहल को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।और क्या कुछ खास होता है।