Sunday, December 8, 2024
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चकिया- छठ घाटों पर उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की ड्यूटी भीड़, आस्था के साथ आशीर्वाद प्रसाद व सेवा के लिए उमड़े लोग

चकिया मां काली पोखरे पर उदय गामी सूर्य को अर्घ्य देती महिला।

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली- लोक उपासना और सूर्य आस्था का महापर्व डाला छठ पर संतान और सुहाग की सुख शांति और समृद्धि के लिए ‌व्रतियों ने उदयमान भगवान भास्कर को जलाशय में खड़े होकर हाथ में पूजन सामग्री लेकर अर्घ्य दिया। व्रतियों ने लोगों की सुख शांति की कामना की। इसके पहले व्रति महिलाएं भोर से ही घाटों की ओर रवाना हो गईं। पानी में खड़े होकर सूर्य के उगने का इंतजार किया। जैसे ही सूर्य की लालिमा दिखा जयकार के साथ स्वागत किया गया। इसके साथ अर्घ्य दिया। और चार दिवसी पर्व का समापन भी हुआ।

चकिया क्षेत्र के सिकंदरपुर पोखरे पर पूजा सामग्रियों के साथ युवती।

उपासना का महापर्व छठ चकिया नगर सहित क्षेत्र के आसपास इलाकों के साथ-साथ पूरे जनपद में धूमधाम से मनाया गया। शुक्रवार को नहाए खाए के साथ शुरू हुए पर्व के तीसरे दिन नदी पोखर इत्यादि के घाटों पर पहुंचकर अस्त होते सूर्य को अलग देने के साथ ही चौथे दिन सोमवार की सुबह विधिवत पूजन अर्चन करने के बाद गीतों के माध्यम से छठ मैया का महिमा का बखान भी किया। और सुबह में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया। छठ घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। व्रती के साथ परिवार के लोग तीन बजे से ही घाटों पर पहुंचने लगे थे। यह सिलसिला उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक चलता रहा। पुरुष सर पर टोकरी में लिए पूजन सामग्री के साथ घाटों पर पहुंचे। जबकि कलश पर जलते दीपक के साथ ‌व्रती महिलाएं नंगे पैर छठ मैया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंची।

चकिया क्षेत्र में अपने परिवार के साथ छठ व्रति महिलाएं।

सूर्य उपासना के इस महापर्व पर छठ मैया के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज रहा था। कुछ श्रद्धालु अपनी मनाता के चलते घर से लेट कर घाटों तक पहुंचे। सूर्य उगने का समय होते ही छत व्रती पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य की आराधना करने लगे। इसके बाद उगते सूर्य को जल और दूध से अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान घाटों पर युवाओं और बच्चों में भी गजब का उत्साह देखा गया। इस दौरान पारंपरिक छठ गीतों मारबउ रे सुगवा धनुष से….. कांच ही बांस के बहगिया,बहंगी लचकत जाय…..छठी मैया होईहै सहाय…… से माहौल भक्तिमय बना रहा। सोमवार की सुबह उदयगामी सूर्य को आगे देकर 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद पारण किया। इसके साथ ही कर दिवसीय छठ व्रत पूरा हो गया।

चकिया में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं।

एडिशनल एसपी, सीओ,व कोतवाल लगातार करते रहे भ्रमण
छठ पूजा के दौरान मां काली मंदिर पोखरे पर भारी भीड़ के चलते स्थानी पुलिस प्रशासन पूरी तरीके से चुस्त एवं दुरुस्त नजर आई। और चप्पा चप्पा पर वर्दी के साथ-साथ शादी वश में भी पुरुष और महिला पुलिस चक्रमण करते हुए नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की कमान को खुद एडिशनल एसपी सुखराम भारती व सीओ आशुतोष तिवारी व कोतवाल मिथिलेश तिवारी ने संभाल रखा था। और लगातार भ्रमण कर रहे थे। जिससे सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।

चकिया में मां काली मंदिर पोखरे पर छठ पूजा के दौरान सेल्फी लेती युवतियां।

जय मां काली सेवा समिति का रहा अहम योगदान
छठ पर्व को लेकर पोखरे की साफ सफाई से लेकर छठ व्रती महिलाओं के ठहरने एवं अन्य व्यवस्थाओं को लेकर जय मां काली सेवा समिति पिछले 15 दिनों से कार्य करती हुई नजर आ रही थी। और समिति के अध्यक्ष गुरुदेव चौहान के साथ-साथ कोषाध्यक्ष लोहा चौहान और पदाधिकारी की मेहनत रंग लाई। छठ पर्व से पूर्व साफ सफाई करने के बाद समापन होने के दिन भी पोखर में पड़ी गंदगियों को नाव के माध्यम से गंदगियों को निकाल कर साफ सफाई की गई। वही पोखर में पानी लाने में वरिष्ठ समाज सेवी अनिल सिंह का भी अहम योगदान रहा। जिन्होंने अथक प्रयास करने के बाद पोखर तक पानी पहुंचा और व्रती महिलाएं उसमें उतरकर छठ पर्व को उत्साह के साथ मनाया।

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