संवाददाता कार्तिकेय पांडेय
चंदौली-जनपद में धान की उपज अच्छी होने के कारण व चारों तरफ से नहरों का जाल बिछा होने से इस को धान का कटोरा कहा जाता है। और विभिन्न प्रजाति के दानों के साथ-साथ चंदौली में पिछले कुछ वर्षों से काला चावल की भी पैदावार होती है। जो कि विदेशों तक भी पहुंचता है। लेकिन अच्छी परिस्थितियों में कभी-कभी किसानों को समस्याओं की बड़ी मार भी झेलनी पड़ती है। और इन समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारी कभी गंभीर नहीं दिखते हैं।
कुछ ऐसी ही चंदौली जनपद के सैयदराजा क्षेत्र के डुमरी माइनर के साथ-साथ अन्य माइनरों की भी हाल तस्वीरें बयां कर रही हैं। और धान के बीज डालने का समय नजदीक आ गया है लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक किसानों के खेतों तक तो बात छोड़ दीजिए नहरों में तक पानी नहीं पहुंच पाया है। जिससे किसान काफी परेशान हैं। हालांकि किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान आकृष्ट कराया है। लेकिन इसको लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी गंभीर नहीं हो रहे हैं। और शायद जनप्रतिनिधियों के लापरवाही का ही कारण है कि अभी तक कैनाल का पानी नहरों तक नहीं पहुंचा है जिससे किसानों को अपने खेतों पानी ले जाकर सिंचाई करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। और किसान नहरों के पानी का आज छोड़ कर किसी तरह समर्सिबल के सहारे अपने खेतों की सिंचाई करना शुरू कर दिए हैं।
हालांकि किसानों की समस्या पर के एन न्यूज24 ने 1 दिन पूर्व पिछले अंक में चंदौली में असली विकास पुरुष की बनवाई गई लहरों में नहीं पहुंचा पानी बेहाल है क्षेत्र के किसान, पंप कैनालों को बदलवाने का दावा कर रहे कागजी विकास पुरुष शीर्षक से प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी अब हरकत में आ गए हैं। और जल्द से जल्द नहरों तक पानी पहुंचाने की कवायद शुरू कर दिए हैं। जिससे किसानों में एक बार फिर से जनप्रतिनिधियों के आश्वासन पर आस जगी है।
हालांकि चंदौली में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से जब नहरों में पानी नहीं होने और किसानों के परेशान होने की समस्या को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सभी नहरों में पानी देखने को मिलेगा और किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। अब ऐसे में मंत्री जी को कौन समझाए कि वह ऐसी वाली गाड़ी से उतरकर जरा ग्रामीण क्षेत्रों के नहरों का निरीक्षण कर ले तो उन्हें शायद लहरों के सुखे होने का अंदाजा लग सकता है। लेकिन मंत्री जी ऐसा खुद नहीं कर सकते।
हालांकि दूसरी और जब इसको लेकर चंदौली जनपद के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे से नहरों तक पानी नहीं पहुंचने और 30 साल बाद पंप कैनाल बदलवा कर किसानों के लाभ देने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बाहर से कई एक्सपर्टो को बुलाकर पंप कैनाल के क्षमता में वृद्धि की गयी है। और किसानों के खेतों तक नहरों के माध्यम से जल्द पानी पहुंचे इस पर नजर बनी हुई है। और काम किया जा रहा है।
हालांकि अगर जल शक्ति मंत्री और केंद्रीय मंत्री के बयानों की बात की जाए तो इन दोनों मंत्रियों के बयान अलग-अलग सामने आ रहे हैं एक तरफ जहां जल शक्ति मंत्री नहरों में पानी होने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री के बयानों से लगता है कि नहरों में पानी नहीं है। तो ऐसे में इन जनप्रतिनिधियों से क्या आज लगाया जा सकता है। हालांकि अभी तक नहरों में कैनालों द्वारा पानी कब तक छोड़ा जाएगा यह भविष्य तय करेगा।