Sunday, December 8, 2024
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चंदौली- असली विकास पुरुष की बनवाई गई नहरों में नहीं पहुंचा पानी, बेहाल हैं क्षेत्र के किसान,कागजी विकास पुरुष न ही भेजवा रहे पानी,ना ही करवा पा रहे रखरखाव

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली- जनपद में जहां एक तरफ तपिश भरी गर्मी से लोग परेशान हैं वही पारा 44 डिग्री के पार तक पहुंच रहा है। ऐसे में लोगों का घर से निकलना भी दुश्वार हो गया है। वहीं दूसरी ओर अगर देखा जाए तो चारों तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।नहरें व नदियां पूरी तरह से सूख गई हैं। वहीं अब किसानों के धान के बीज डालने का भी समय नजदीक आ गया है। हालांकि प्रचंड गर्मी की वजह से अभी तक बरसात भी नहीं हो पाई है। किसी तरह ट्यूबवेल की मदद से अपना भी डालना शुरू कर दिए हैं। हालांकि खेती करने के लिए किसानों की सिंचाई का एकमात्र साधन नहरों का ही पानी है। लेकिन उसके बावजूद नेहरा में अभी तक पानी नहीं आ सका है जिससे क्षेत्र के किसान पूरी तरह बेहाल हो गए हैं। और उनके माथे पर चिंता की लकीरें सता रही हैं। किसानों ने इसको लेकर कई बार अधिकारियों जनप्रतिनिधियों और जनपद के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय से भी मिलकर शिकायत किया। लेकिन समस्याओं को रखने के बावजूद किसानों का सुनने वाला कोई नहीं है।

आपको बताते चलें कि चंदौली जनपद से पूर्व मुख्यमंत्री रहे पंडित कमलापति त्रिपाठी लोकसभा और विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं। और चंदौली जनपद ही उनकी कर्मभूमि रही है। इसको लेकर यहां के लोग कहते हैं कि पंडित जी के नेता बनने से पहले चंदौली की ज़मीन पर सिर्फ़ मोतंजा (घास) हुआ करता था। लेकिन उन्होंने यहां 22 किलोमीटर लंबा नहरों का जाल बिछवाया जिसकी वजह से चंदौली जनपद अब धान का कटोरा कहा जाता है। वही आपको बताते चलें कि पंडित कमलापति त्रिपाठी के बाद उनकी हैसियत का कोई नेता नहीं बन पाया जो कि चंदौली जनपद में उनके जैसा विकास करा पाता। यही नहीं बल्कि दूसरे लोगों में यह इच्छाशक्ति ही अब नहीं रही। शायद इसीलिए उनके कामों को देख कर उन्हें चंदौली जनपद का विकास पुरुष कहा जाता था।

हालांकि वहीं वर्तमान स्थिति में देखा जाए तो चंदौली जनपद के सैयद राजा विधानसभा क्षेत्र के डुमरी माइनर में पानी नहीं होने से किसानों को अपने धान का बीज डालें मैं काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। और इस तपिश गर्मी में बरसात का दूर-दूर तक कोई पता नहीं चलने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। किसानों का कहना है कि अभी तक कैनाल से पानी नहीं छोड़ा गया। इससे पहले पूरी तरह से सूख गई हैं। और किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है। अगर यही हाल रहा तो किसानों को काफी कठिनाइयों से भी आना पड़ेगा।

वहीं दूसरी और किसानों का कहना है कि चंदौली जनपद के स्थानीय सांसद और भारी उद्योग मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने दावा किया है कि इस साल में पहली बार पंप कैनाल बदला गया है। जिससे किसानों के खेतों तक पानी पहुंच सके। लेकिन अगर वही जमीनी हकीकत देखा जाए तो कुछ और ही है। जिससे यह देखने में लगता है कि पिछले 30 वर्षों में यह पहला ऐसा वर्ष होगा जिसमें कि किसानों के खेतों तक नहरों के द्वारा पानी समय से नहीं पहुंचेगा।

चंदौली जनपद में जहां एक तरफ विकास का दावा कर रहे डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे को लोग जिले के विकास पुरुष के नाम से बुलाते हैं वहीं क्षेत्रीय जनता का कहना है कि उनके कई ऐसे कार्य हैं जो कि केवल कागज पर हुए हैं, ऐसे में उनको कागजी विकास पुरुष अगर कहा जाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि उनके कार्य कभी धरातल पर नहीं दिखे और इससे जनता को कोई लाभ नहीं हुआ। वहीं इस बार नहरों में अभी तक ना तो पानी ही पहुंच पाया है और ना ही उसका कोई रखरखाव हो पाया है। हालांकि अब नहरों तक कैनाल का पानी कब पहुंचता है या आने वाला समय तय करेगा।

लेकिन वहीं दूसरी और अगर देखा जाए तो लोगों ने वर्तमान सरकार और नेताओं को कोसते हुए कहा कि आज भी महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में कई ऐसे मुख्य मार्ग हैं जो कि कई बाजारों और गांवों को जोड़ते हैं। लेकिन उसके बाद और भी वहां की सड़कें टूटी हुई हैं और नालियां खुली हुई हैं और जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है। जिस को दूर कराने में क्षेत्रीय सांसद पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। वही क्षेत्रीय किसानों ने यह भी कहा कि अपने संसदीय क्षेत्र में रहने की वजह सांसद इस समय भगवान केदारनाथ के शरण में पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं तो ऐसे में जब वह खुद नहरों में पानी नहीं भेज रहा पाएंगे तो उनको चंदौली जनपद में बारिश कराने के लिए ही भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।

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