संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय
चंदौली- जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के बारे में अगर बात करें तो जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का वर्तमान की स्थितियों में बुरा हाल है। ऐसे में अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों का सही ढंग से इलाज कर पाना संभव नहीं है। जिससे मरीजों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जिसको लेकर विभागीय अधिकारी भी अनुदा अच्छी करते नजर आ रहे हैं। एक तरफ विभागीय लापरवाही तो देखी जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ अस्पतालों में बिजली न होने से इलाज के लिए मोबाइल काफी सहायक साबित हो रही है।
कुछ ऐसे ही तस्वीर चंदौली जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहाबगंज में देखने को मिली है जहां अस्पतालों में बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है। कई डॉक्टर तो अपने चेंबर में मौजूद रहे, लेकिन कुछ इमरजेंसी छोड़कर ही मौके से गायब रहे। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। और इन अस्पतालों में बिजली न होने से स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों के इलाज और अन्य विभागीय कार्य के लिए मोबाइल की टॉर्च मददगार बन रही है। जिससे मरीजों का इलाज हो पाना संभव है। इन समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों के भी मामला संज्ञान में है। लेकिन बावजूद इसके समस्या हल नहीं हो पा रही।
हालांकि आपको बताते चलें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में पूर्व में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं के बारे में देखा हुआ जाना है। इसके पूर्व भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहाबगंज में बेड पर कुत्ते के बैठे होने का मामला काफी चर्चित रहा है जो कि प्रदेश स्तर तक बवाल मचाया हुआ था जिसको लेकर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी नाराजगी व्यक्त की थी।
लेकिन अब देखना होगा कि विभागीय अधिकारियों के मामला संज्ञान में होने के बावजूद आखिर कब तक बिजली कटौती के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से सही किया जाता है जिससे दूर दराज से पहुंचने वाले मरीजों को किसी भी परेशानियों से ना जूझना पड़े।
इस संबंध में प्रभारी डॉ नितेश मालवीय ने बताया कि मौसम की खराबी की वजह से सोलर पैनल चार्ज नहीं हो पता है। वहीं अस्पताल की बिजली राममाड़ो फीडर ग्रामीण क्षेत्र से जोड़ा गया है जिससे अधिकतर बिजली कटौती होने से परेशानियां रहती है। इसको शहाबगंज फीडर से जोड़ने के लिए कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया लेकिन अधिकारियों ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। वहीं उन्होंने बताया कि जनरेटर से बिजली आपूर्ति अस्पताल में की जाती है लेकिन उसके लिए अभी विभाग द्वारा तेल का खर्च वहन नहीं मिल पाता है। ऐसे में बिजली की समस्या उत्पन्न होती है।