चकिया-स्थानीय नगर पंचायत कार्यालय में बुधवार की दोपहर एक बैठक के दौरान किसी बात को लेकर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मेही लाल गौतम और विभिन्न वार्डों के सभासदों से आपस में कहासुनी हो गई। और विवाद इतना बढ़ गया कि एक दूसरे के बीच तू-तू मैं-मैं होने लगा। इसके बाद किसी तरह काफी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया गया। हालांकि इसी बीच लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई है। लोगों द्वारा एक वार्ड के सभासद और ईओ के बीच मारपीट होने की भी अफवाह उड़ाई जा रही है। हालांकि इस घटना को लेकर कोई भी फोटो या वीडियो सामने नहीं आया है। सूत्रों के आधार पर ही खबर प्रकाशित की गई है। इस घटना की knnews24 पुष्टि नहीं करता है। कहासुनी के बाद मामले को किसी तरह शांत कराया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत कार्यालय में बुधवार की दोपहर अधिशासी अधिकारी, चेयरमैन, और सभासदों के बीच बैठक चल रही थी। इसी दौरान किसी बात को लेकर सभासदों और अधिशासी अधिकारी के बीच बहस गई। जिसमें मामला इतना बढ़ गया कि आपस में तू तू मैं मैं होने लगा। जहां लोगों ने बीच-बचाव किया। शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग भी कार्यालय के इर्द-गिर्द हो गए। जिसके बाद यह घटना की जानकारी नगर में आग की तरह फैल गई। हालांकि लोगों ने इसके बारे में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू कर दिया। लोगों ने ईओ और एक वार्ड के सभासद के बीच मारपीट और शर्ट फाड़ने तक की अफवाह उड़ा डाली। हालांकि इस घटना और जानकारी की knnews24 किसी आधार पर पुष्टि नहीं करता है।
इस संबंध में अधिशासी अधिकारी मेहीलाल गौतम ने बताया कि नगर पंचायत में बैठक के दौरान कहासुनी हो गई थी। जहां चेयरमैन और नगर के विभिन्न वार्डों के 9 सभासद भी मौजूद रहे। जहां कहासुनी के बाद किसी तरह मामला सुलझाया गया। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत के मामले और आम जनता तथा सभासदों की शिकायतों पर गंभीरता से लेकर काफी सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।
घटना के तुरंत बाद नगर पंचायत कार्यालय में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
नगर पंचायत कार्यालय में बुधवार की दोपहर बैठक के दौरान अधिशासी अधिकारी और विभिन्न वार्ड के सभासदों के बीच कहासुनी के बाद मारपीट की उड़ रही अफवाहों की घटना के बीच बचाव के बाद नगर पंचायत के कुछ बचे हुए कमरों के साथ चेयरमैन कक्ष में भी सीसीटीवी कैमरा लगा दिया गया। जिसके बाद कोई भी घटना घटित होने या किसी भी प्रकार की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सके। उसके आधार पर कार्रवाई हो सके।