संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय
चंदौली- सीएम योगी आदित्यनाथ जनता दर्शन और फरियादियों के साथ शालीनता का ब्यवहार करने के लिए भले ही निर्देश देते रहें।लेकिन जनपद में इसका असर तो बिल्कुल ही नही है। क्योंकि इसके लिए जिन्हें जनपद के उच्च पदस्थ नियुक्त किया गया है। उन्हें शार्ट में फरियाद सुनने की आदत है।जिसका आलम यह है कि साहब से मिलाने वाले ही फरियादी के प्रार्थना पत्र पर निर्णय करते है। जिसपर वह अपनी चिड़िया बैठाने का कार्य कर फरियादियों को फूटा देते है।
बताते चलें कि बलुआ थाना के टांडा स्थित सरस्वती इंटर कालेज की शिक्षिका ने विद्यालय के चेंजिंग रूम में सीसी टीवी लगाने व उसकी मॉनिटरिंग प्रधानाचार्य द्वारा किये जाने की शिकायत करने बलुआ थाने पर थी। शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि उस कमरे में बालिकाओं के मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड, खेल कूद के दौरान उनके यूनिफॉर्म बदलने के लिए रिजर्व किया गया है। पीड़िता की बात सुनने के बाद शिक्षिका को डांट कर भगा दिया गया था। पुलिस के ब्यवहार से दुःखित पीड़िता अपने पति के साथ एसपी कार्यालय पहुंच गयी। लेकिन इस संगीन अपराध के बाद भी कप्तान के यहाँ पेश कराने वालों को मटरगस्ती सूझी रही। पीड़िता से प्रार्थना पत्र लेकर उसी थानाध्यक्ष इसे वार्ता कर पीड़िता को यह कहकर वापस कर दिया गया की साहब के यहां से सम्बंधित को कार्यवाही के लिए दिशा निर्देश के लिए इंडोज कराकर भेज दिया जाएगा।
ऐसे मामले आया सामने
महिला शिक्षक ने बताया कि पिछले दिनों बरसात के कारण स्कूल जाते समय वह भीग गयी थी। विद्यालय पहुंचने के बाद वह अपनी साड़ी चेंजिंग रूम में जाकर ठीक कर रही थी। इसी बीच उनकी निगाह कोने में लगे सीसीटीवी पर पड़ी। इसके बाद जब उन्होंने प्रधानाकक्ष में जाकर शिकायत की तो प्रधानाध्यापक ने हसंते हुए मजाक उड़ाया।
बताते चलें कि जब साहब को शॉर्टकट पसंद है तो फिर उनके मातहतों का बेअन्दाज होना तो लाजिमी है। क्योंकि उन्हें पता है कि इसके बाद वह शिकायत लेकर जहाँ जाएंगे वहां इनकी कितनी सुनी जाएगी। कुछ ऐसा ही मामला सोमवार को देखने को मिला। जहां महिला अपराध की शिकायत लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे शिक्षक दम्पति को एसपी से मिलेने नही दिया गया। बाद में मामला बढ़ता देख अपर पुलिस अधीक्षक ने फोन से कार्यवाही करने का आश्वासन देकर पीड़ित को सन्तुष्ट करने का प्रयास किया गया। हालांकि देर शाम अपर पुलिस अधीक्षक ने महिला थानाध्यक्ष व सीओ सकलडीहा के नेतृत्व से जांच कराने व विशाखा समिति के गाइड लाइन अनुसार जांच कराने की बात कहा।