जिला संवाददाता कार्तिकेय पांडेय
चकिया- गांधीनगर गांव निवासी आरोपी पिंटू बाबा का एक बड़ा साम्राज्य दक्षिणांचल के कई जनपदों में फैला हुआ है। अपने कारनामों व लोगों से पकड़ बनाने में माहिर होने से प्रसिद्धि पाए दुराचारी बाबा एक दशक में ही फर्श से अर्श पर पहुंच गए। आपको बताते चलें कि गांधीनगर गांव में आलीशान बड़े महल जैसे मकान में मंदिर बनाकर आश्रम बनाने के साथ ही कई लग्जरी वाहन का मालिक बन कर बैठा अमर देव उर्फ पिंटू बाबा की पकड़ सत्ता पक्ष के गलियारे के साथ ही विभिन्न पार्टियों के विपक्ष के रसूखदार नेताओं के साथ भी था।
आपको बताते चलें कि पहले अपने पिता के साथ घूम फिर कर सीखने के बाद धीरे-धीरे बिरहा गायक बनने वाला पिंटू बाबा पिछले कुछ सालों से एक मंदिर बनाकर आश्रम के तौर पर चलाते हुए बाबा बन बैठा था। और पिंटू बाबा पर दुराचार का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक स्थानीय कोतवाली पुलिस उसके किसी भी ठिकानों तक नहीं पहुंच पाई है। शायद विभिन्न राजनीतिक दल में अच्छी खासी पैठ होने के चलते अब तक पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। आपको बताते चलें कि राजनीतिक दल में उसकी पैठ उस समय आम हो गई जब पिछले बीते विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक दल से विधायकी के टिकट का दावेदार हो गया।
आपको बताते चलें कि हम बात यह है कि काफी जद्दोजहद के बाद कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद इसकी बात मीडिया तक को नहीं होने दी। सूत्रों की माने तो मीडिया को इस मामले की जानकारी नहीं देने के साथ ही बाबा की गिरफ्तारी नहीं करने और कुछ रकम पर मामले को रफा-दफा करने कि दिल हो गई थी। लेकिन खबर प्रकाशित होते ही सभी डील पर पानी फिर गया। आपको बताते चलें कि विभिन्न राजनीतिक दल दुराचारी बाबा को अपना सदस्य मारने को भी तैयार नहीं है। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सत्यनारायण राजभर करते हैं कि पिंटू बाबा पार्टी के किसी भी प्रकोष्ठ संगठन के किसी भी पद पर नहीं है यही नहीं उनकी पार्टी का कोई भी सदस्य नहीं है।
वहीं बीजेपी जिला अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह ने कहा कि पिंटू बाबा हमारे पार्टी के अधिकारिक रूप से सदस्य नहीं हैं। लेकिन हम इंकार भी नहीं कर सकते कि वह हमारी पार्टी के सदस्य नहीं है।
आपको बताते चलें कि दूसरी ओर पीड़ित युवती न्याय पाने तक संघर्ष जारी रखने के लिए कहा कि जब तक ऐसे कुकर्मी और दुराचारी बाबा को जेल की सलाखों में ही डलवा कर मानूंगी। दुराचारी बाबा का गांधीनगर आश्रम वर्तमान समय में अगर देखा जाए तो साय साय करती हुई नजर आ रही है।