Friday, November 15, 2024
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वाराणासी :नीलगिरी की वादियां नहीं बनारस की गलियां आ रही पर्यटकों को पसंद,आंकड़ा पहुंचा 12 करोड़ के पास

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

वाराणसी- अगर आपने यूपी नहीं देखा तो क्या देखा? ये स्लोगन तो आपको याद ही होगा. अब ये बात सच हो चुकी है। क्योंकि लोग अब यूपी देखने के लिए दौ़ड़े आ रहे हैं। जी हां! आपने सही सुना. अब क्या केरल, क्या गोवा और क्या तमिलनाडु। इन सबके रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है उत्तर प्रदेश के मात्र दो शहरों ने. ये शहर हैं काशी और मथुरा. एक समय था जब तमिलनाडु देश का सबसे बड़ा टूरिज्म डेस्टिनेशन था। मगर इसके रिकॉर्ड को तोड़ते हुए उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर आ गया है। इसका सबसे बड़ा श्रेय वाराणसी को जाता है।जहां रिकॉर्ड पर्यटक आए हैं। पिछले एक साल में लगभग 12 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने काशी का दीदार किया है।

काशी के आकर्षित करते घाटों के नजारे।

टूरिज्म का सबसे बड़ा स्पॉट कहे जाने वाले केरल और गोवा को काशी ने बहुत पीछे छोड़ दिया है। साल 2014 के बाद से काशी के संवरने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो आज देश के सबसे बेहतरीन और पसंदीदा टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में बनकर उभरा है। पर्यटक अब काशी आना चाहते हैं और यहां के मंदिर और घाटों पर घूमना चाहते हैं। इतना ही नहीं जबसे वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम बना है तब से यहां पर पर्यटकों का आना कई गुना बढ़ गया है। इसके साथ ही तमिल संगमम जैसे कार्यक्रम हों या फिर सावन का महीना। लोग यहां लाखों की संख्या में पहुंचे हैं।

वाराणसी ने यूपी को दिया है नंबर वन बनाने का श्रेय
‘वाराणसी आज सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरकर आया है. आज उत्तर प्रदेश डोमेस्टिक टूरिज्म में नंबर वन की जगह पर है। पहले तमिलनाडु प्रथम स्थान पर हुआ करता था। पूरे विश्व से आज वाराणसी आना चाहते हैं। घरेलू टूरिज्म में बनारस का प्रदेश में प्रथम स्थान है, जिसमें बनारस का सबसे बड़ा श्रेय है.’ पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बातचीत में कहा। वह कहते हैं, ‘आंकड़ों की अगर हम बात करें को गोवा और केरल जैसे स्टेट से कहीं ज्यादा टूरिस्ट केवल बनारस सिटी में आ रहे हैं।इसका मुख्य कारण बनारस की ऐतिहासिक स्थिति और यहां का विकास। इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आ रहे हैं.’

बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को उमड़ी भीड़ व आकर्षक दृश्य।

12 करोड़ लोगों के साथ काशी ने केरल और गोवा को पीछे छोड़ा
दशकों तक नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसा तमिलनाडु पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा टूरिज्म डेस्टिनेशन था। मगर यह रिकॉर्ड यूपी ने ध्वस्त कर दिया है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक साल के दौरान तमिलनाडु में अलग-अलग शहरों से 22 करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के दो शहरों काशी और मथुरा में 23 करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं। वहीं केरल और गोवा की बात करें तो 2022 में केरल में जहां गोवा में 1,65,005 विदेशी पर्यटक पहुंचे वहीं केरल में 3,45,549 विदेशी पर्यटक पहुंचे।वहीं पिछले एक साल में सिर्फ वाराणसी में ही 12 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी की निहारने के लिए पहुंचे हैं।

दशाश्वमेध घाट की भव्य गंगा आरती व भीड़ की मनमोहक दृश्य।

99 फीसदी टूरिस्ट घाट, आरती और मंदिर देख रहे
‘वाराणसी में बहुत से ऐतिहासिक स्थान हैं। बनारस को सबसे पुराना जीवित शहर भी कहा जाता है. बनारस में घाट, आरती, मंदिर इन्हें लगभग 99 फीसदी टूरिस्ट आकर देखना चाहते हैं। कुछ नए डेस्टिनेशन भी हम लोगों ने डेवलप किए हैं, जिसमें यूथ को कनेक्ट करने के लिए हॉट एयर बैलूनिंग को शुरू किया जा रहा है. इसमें पर्यटकों को एडवेंचर दिया जाएगा.’ आरके रावत ने कहा, ‘आने वाले समय में वाराणसी में यह रोजाना कराया जाएगा. इसके अतिरिक्त शिवटंकेश्वर मंदिर, जो बहुत पुराना मंदिर है. यहां पर घाट, पोर्च, लाइट, बेंच की व्यवस्था की जा रही है. टूरिस्ट बहुत बड़ी संख्या में वहां पर भी जाते हैं।

वाराणसी में ओवरब्रिज के नीचे बने प्रोजेक्ट पर्यटकों को भा रहे।

काशी में बने प्रोजेक्ट पर्यटकों को कर रहे आकर्षित
आरके रावत बताते हैं, ‘शास्त्री घाट की बहुत ज्यादा मांग थी। इसके लिए भी विभाग द्वारा फंड जारी किया गया है। उस घाट का कार्य इस समय चल रहा है। इसी के साथ-साथ वर्ल्ड बैंक द्वारा फंडेड सारनाथ में भी हमारा डेवलेपमेंट का प्रोजेक्ट चल रहा है। वहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए पाथवे, हर्टिकल्चर, पार्किंग, लाइटिंग आदि की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में बहुत सारे ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो पूरे होने जा रहे हैं. यही वाराणसी में आने के लिए लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.’ य़ानी कि वाराणसी में पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें बेहतर माहौल देने के लिए विभाग द्वारा नए प्रयास किए जा रहे हैं।

वाराणसी में बढ़ी 50 फीसदी पर्यटकों की संख्या
बीते साल में अगर आंकड़ों की बात करें तो कहीं ज्यादा इस साल पर्यटक वाराणसी में आए हैं। अगर सिर्फ एक इवेंट की बात करें तो जो तमिल संगमम था इसमें भी करोड़ों की संख्या में टूरिस्ट वाराणसी आए हैं। वहीं सावन के महीने की बात करें तो वाराणसी आने वाले टूरिस्ट की संख्या लाखों में है‌। उप पर्यटन निदेशक ने ये बात कही. वे बताते हैं, ‘पिछले अन्य सालों की अपेक्षा इस साल करीब 50 फीसदी पर्यटकों की संख्या वाराणसी आने वालों की बढ़ी है। ये आंकड़े और भी बढ़ते जा रहे हैं। आज वाराणसी सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। सबसे ज्यादा टूरिस्ट बनारस में आ रहे हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर में रात में चमचमाती हुई मंदिर परिसर

बनारस में 12 करोड़ तो मथुरा में पहुंचे 11 करोड़ पर्यटक
उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की बात करें को यहां पर ऐसे कई धार्मिक शहर हैं जहां पर देश से ही नहीं विदेशों से भी टूरिस्ट आते हैं। इन शहरों के ऐतिहासिक मंदिरों और घाटों का दीदार करते हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों की बात करें तो बनारस में 12 करोड़ से अधिक पर्यटक आए हैं। वहीं प्रदेश के दूसरे पसंदीदा शहर मथुरा में 11 करोड़ पर्यटक श्री कृष्ण की जन्मस्थली का दीदार करने के लिए पहुंचे हैं। इसके साथ ही श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में भी कम पर्यटक नहीं पहुंचे हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल में अयोध्या में 6 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। और यह संख्या जल्द ही बढ़ने वाली है।

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