संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय
वाराणसी- काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ की विरासत कूड़े की तरह से बिखरी पड़ी हुई हैं। तकरीबन 100 से ज्यादा तस्वीरें छात्र संघ भवन में सड़ रहीं हैं। यह देख बुधवार को छात्रों का हुजूम आगबबूला हो गया और डीन ऑफ स्टूडेंट के साथ काफी काफी बहस हो गई। आक्रोशित छात्रों ने डीन से शिकायत कर BHU के गौरवशाली इतिहास और पुराने छात्रों के विरासत को मिटाने की कोशिश किए जाने का आरोप लगाया। छात्रों ने चेतावनी दी कि विश्व विद्यालय के विरासत को जल्द से जल्द मैनेजमेंट सहेज कर रखा जाए, नहीं तो हम छात्र इसका विरोध करेंगे।
रिसर्च छात्र अभिषेक सिंह ने इस प्रकरण को लेकर बताया कि कूड़े की तरह फेंकी तस्वीरों को फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई है। छात्र ने कहा कि 5 अक्टूबर को कुछ छात्र राजनीति के पितामह देवब्रत मजूमदार की जन्म जयंती मनाने वाले हैं। यह जयंती छात्र संघ भवन पर होना मंजूर हुआ। इसी कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर जब छात्र भवन में पहुंचे और पूर्व छात्र संघ के सदस्यों की तस्वीरें मांगी तो कहा गया कि यहां कोई ऐसी तस्वीर नहीं है। जब वहां मौजूद कर्मचारियों से तस्दीक की तो पता चला कि सारी पुरानी तस्वीरें कूड़े के ढेर में मिली हुई हैं।
छात्रों ने बताया कि छात्रसंघ भवन में कूड़े के ढेर को पलटने लगे, तो उसमें BHU के पूर्व कुलपति और पंडित मदन मोहन मालवीय के पुत्र गोविंद मालवीय, 1964 के BHU स्टूडेंट यूनियन, स्वामी अय्यर, जवाहर लाल नेहरू, BHU 1955 के इनॉगरल फंग्शन, छात्रसंघ कोषाध्यक्ष डॉ. महातिम गुप्त, 1970 में छात्रसंघ महामंत्री रमेश कुमार गुप्त और राजबलि पांडेय समेत कई नेताओं की तस्वीरें फेंकी हुई मिली। वहीं, कई तस्वीरों पर तो दीमक लग गए हैं। कई फोटो खराब होकर किसी काम के नहीं रह गए हैं।