Thursday, December 12, 2024
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चंदौली- जनपद में केंद्रीय मंत्री के संसदीय क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़कों का हाल बुरा हाल, लोगों का चलना दुश्वार

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली- जनपद में अगर हम विकास की बात करें तो मुख्यालय से लेकर विभिन्न जगहों पर पूरी तरह से विकास कार्य खोखला है। जिसकी वजह से आम जनता को किन किन परिस्थितियों से होकर गुजर ना पड़ता है। और अगर वही देखा जाए तो जिले में केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में सड़कों का हाल इतना बुरा है कि लोगों को चलना दुश्वार हो जाता है। जिले के नेता और अधिकारी लग्जरी गाड़ियों से होकर ऐसी का मजा लेते हुए निकलते हैं लेकिन वही आम जनता किन परिस्थितियों से होकर उसे सड़क से यात्रा करती है यह सफेदपोशों को नहीं समझ आता है।

वही आपको बता दें की अभी कुछ ही दिन पूर्व भाजपा सरकार के 9 साल पूरे होने पर चंदौली में सरकार के मंत्री एसपी सिंह बघेल के साथ-साथ सांसद व कैबिनेट मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने आकर जनपद में बखान किया था। और मीडिया के सामने बयान बाजी करते हुए चलते बने। जिससे चैनलों और अखबारों के माध्यम से उनकी बातों को लोग मूकदर्शक बनकर सुनते रहें।

वहीं दूसरी और देखा जाए तो जनपद के विकास को लेकर आप पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी आवाज उठाने लगे हैं। क्योंकि उनको पता है कि जब तक वह आवाज नहीं उठाएंगे तब तक विकास नहीं होने वाला है। इसी को लेकर जनपद की सबसे खराब सड़क का हाल बयां करते हुए भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा है कि इस घटना के माध्यम से खराब सड़क और उससे पीड़ित हर परिवार की व्यथा बताने की कोशिश है।

पदाधिकारी ने चंदौली के लोकसभा चंदौली सूचना ग्रुप में अपने साथ हुई घटना को दर्शाते हुए कहा कि कल शाम की बात है मेरे छोटे बेटे की तबीयत खराब हो गई ,जिसकी उम्र महज 3 साढ़े 3 साल है। उसके पेट में बहुत दर्द हो रहा था, मैं एक गांव से रहने वाला हूं। जहां पर डॉक्टर हमारे गांव से 5 किलोमीटर की दूर एक भुपौली बाजार है.. वहां पर रहते हैं। इस प्रकार से अचानक हुए पेट दर्द से मैं काफी परेशान हो गया, क्योंकि यह छोटी उम्र का बालक बहुत शरीर से हेल्थ वाला नहीं है और बीमारी की वजह से थोड़ा परेशान रहता है।

मैंने अपने बड़े बेटे को बुलाया और उसको कपड़े पहन कर छोटे बेटे को पकड़कर चलने के लिए कहा, दरवाजे पर खड़ी बाइक से मैंने अपने छोटे बेटे को बीच में बैठाया और बड़े बेटे को उसे पकड़ने के लिए कहा और शाम के 7:30 बजे के करीब डॉक्टर के पास घर से चल दिया।
हमारे घर से 5 किलोमीटर की दूरी पर भूपौली बाजार में डॉक्टर के पास जब मैं पहुंचने वाला था ,उसके बीच की कथा मैं आपको सुनाता हूं ,मैं जब अपने घर से निकला तो रास्ते में इतने गड्ढे हैं कि सड़क पर चलना दूभर हो गया ,गाड़ी जितनी दूरी चलती थी जितना उछलती थी,5km की दूरी मे 5000 गड्ढे, गाड़ी जितनी उछलती उतना उतना ही छोटे बेटे के पेट में दर्द होता था, वह 5 किमी रो रहा था।मेरा छोटा बेटा मेरे पीछे से आवाज लगा रहा था, तुतलाते हुए बोला कि पापा गाड़ी धीरे चलाओ गाड़ी कूद रही है, मेरे पेट में दर्द हो रहा था यह बातें वह चलाते हुए तुतलाते हुए बोल रहा था।
मैं गाड़ी मात्र 15 या 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार ले चला रहा था, मैं उसे कैसे समझाऊं कि बेटा गाड़ी कूद रही है ,तब इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है यह हमारे जिले के जनप्रतिनिधियों का दोष है।किसी तरह चलते चलते मैं आधे घंटे में भूपौली बाजार में डॉक्टर जी के पास पहुंचा ,और बेटे को दवा दिलवा या मेरा बेटा कहने लगा कि पापा तुम बहुत गंदे आदमी हो गाड़ी क्यों कूदा रहे थे, मेरे पेट में दर्द हो रहा था, तुम बहुत गंदे, इतना कह कर वह एक तमाचा मेरे गाल पर जड़ दिया, मैंने उसे गोद में उठा लिया।

उसकी यह बातें सुनकर मेरे आंखों में आंसू आ गए हैं, और मैं एक पल के लिए इस बात को सोचने लगा कि यह छोटे छोटे बालक की तरह से जो लोग दुख और दर्द से पीड़ित हैं। इस रास्ते से गुजर रहे हैं वह कितनी पीड़ा से गुजर रहे हैं, लेकिन इस पीड़ा को दर्द को कैसे नेताओं को महसूस कराया जाए..? कैसे बताया जाए..? कि तुम लोगों के वजह से कितने छोटे छोटे 3 साल के बालक परेशान हैं।

कितनी माताओं को पीड़ा होती होगी, जब वह इस रास्ते से गुजरती हैं, और मुगलसराय अस्पताल जाती हैं और डेढ़ घंटे वह 10,000 गड्ढों से होकर इस सड़क से गुजरते हैं, उनका और उनके शिशुओं पर क्या गुजरता होगा।
यहां पर मुझे आश्चर्य होता है कि हमारे जिले में 4 फुट से लेकर 6 फुट लंबे चौड़े कुर्ते पहनने वाले नेता हैं, किंतु क्या किसी को यह दिखाई नहीं पड़ता, या किसी के पास यह हिम्मत नहीं है कि इस समस्या को उसके अपने जनप्रतिनिधियों की आगे उठाएं।अगर आप लोगों में हिम्मत नहीं है तो कुर्ता खूटी पर टांगने का वक्त आ गया है, जब पुरुष को यह लगने लगे कि उसका पुरुषार्थ थक गया है, तब उसे भी स्वयं अपने भविष्य का फ़ैसला करना होगा।

इस आधे घंटे की पीड़ादाई सफर ने मेरे बेटे और मुझे झकझोर कर रख दिया, मुझे यह सोचने पर विवश कर दिया कि इस खराब सड़क के कारण छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ा वर्ग कितना पीड़ित है, और पिछले 8 साल से जो तकलीफ इस सड़क पर गुजरने वालों को नेताओं के द्वारा साजिश के तहत दिया जा रहा है उसकी कीमत कौन चुकाएगा आएगा,? नकली जय कारा लगाने वाली फौज बस हकीकत से लोगों को दूर कर रही है।

उसने आगे कहा कि मैं उनलोगो से भी पूछना चाहता हूं कि इस समस्या का समाधान क्या है?क्या राजनीति पैसे कमाने के लिए की जा रही है ? उनके लिए अपनी जनता के आंसुओं की कोई कीमत नहीं रह गई है ? यहां पर ऐसा नहीं है कि मैं किसी पार्टी किसी व्यक्ति को टारगेट कर अपनी आवाज उठा रहा हूं, मेरे इस दर्द को सपा-बसपा- भाजपा सभी पार्टियों के नेताओं के पास पहुंचाना मेरा मकसद है। मैं खुद भाजपा का पदाधिकारी था। वर्तमान में मैं शांत अवस्था में पड़ा हूं, क्योंकि मेरा जमीर इस बात को मुझे मंजूर नहीं करती, कि मैं किसी गलत कार्य का समर्थन करूं।

उपरोक्त मेरे द्वारा मेरे सामने जो घटना घटी है उसको मैं यहां पर मात्र इसलिए बता रहा हूं कि मेरी तरह सैकड़ों पिता इस रास्ते पर इस दुर्दशा में गुजर रहे होंगे उनकी सुनवाई कौन करेगा ?पूर्व में मैंने कुछ घटनाएं आप लोगों को अपने फेसबुक पेज के माध्यम से बताया था कि कैसे कुछ लोगों को सांप काट लिया, और वह इस खराब सड़क पर सही समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाए और उनकी मृत्यु हो गई।इसे खराब सड़क पर मेरे बेटे के द्वारा बहाए गए आंसू मुझे जिंदगी भर याद रहेंगे।उपरोक्त घटना के माध्यम से मैंने इस क्षेत्र पर उन परिवारों की पीड़ा को अवगत कराया है, जो परिवार इस सड़क के माध्यम से चलने के लिए मजबूर हैं।

देश की सड़कें सोने की बना दिया जाए, पर अगर यह अपना जिला अपना क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। यह बड़ा दुर्भाग्य पूर्ण है, जिले के जनप्रतिनिधियों से अपील है की इस सड़क की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करें, पूरे जिले में इससे खराब सड़क नहीं है।

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