Thursday, December 12, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशअलीनगरउजड़े परिवारों को बचाना ही जिंदगी का मुख्य उद्देश्य: उपनिरीक्षक प्रियंका सिंह

उजड़े परिवारों को बचाना ही जिंदगी का मुख्य उद्देश्य: उपनिरीक्षक प्रियंका सिंह

पीड़ितों के दर्द का मरहम बनकर काम रहीं महिला थाना प्रभारी

अपने फर्ज के साथ मानवता के भी धर्म को बखूबी समझ रहीं प्रियंका

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली- एक महिला अपने जीवन में हर काम, हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाती है और शायद इसीलिए महिलाओं को शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। इसी शक्ति का एक रूप हैं प्रियंका सिंह जो यूपी पुलिस में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं लेकिन, सिर्फ इतना-सा परिचय इनके लिए काफी नहीं है। प्रियंका सिंह एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ एक बच्ची की मां, एक बेटी, एक शिक्षिका और प्रेरक वक्ता भी हैं।

प्रियंका सिंह का समाज और लोगों के प्रति यह समर्पण यहीं तक सीमित नहीं रहा है। वे अपने व्यक्तिगत जीवन से समय निकालकर वे समय-समय पर आमजन को वर्तमान में तेज़ी से बढ़ रहे साइबर अपराध के प्रकारों और उन अपराधों से स्वयं को सुरक्षित रखने के तरीकों से अवगत करवाकर निरंतर साइबर अपराध जागरूकता अभियान भी चला रही है और लोगों को सावधान कर रही हैं।
प्रियंका सिंह जिन्होंने न सिर्फ हर क्षेत्र में खुद को सफल और सक्षम साबित किया है बल्कि लोगों की धरातल स्तरीय समस्याओं को समझते हुए उसके लिए काम भी कर रही है। इन अथक प्रयासों का प्रेरणास्रोत जानना चाहा तो पूर्णतः अपने काम को समर्पित इस महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह का कहना है कि एक गाने की कुछ पंक्तियां इन्हें बहुत प्रभावित करती हैं और इस बात पर वो अटूट विश्वास भी रखती हैं कि-

‘खुदगर्ज दुनिया में ये इन्सान की पहचान है
जो पराई आग में जल जाए वो इंसान है
अपने लिए जिए तो क्या जिए
तू जी ऐ दिल जमाने के लिए

उनके इस जज्बे व समर्पण को हमारा सलाम।’

उपनिरीक्षक प्रियंका सिंह ने काफी मेहनत कर पाया यह मुकाम
आपको बताते चलें कि प्रियंका सिंह मूलरूप से बलिया जिले की निवासी हैं। कुछ वर्ष पूर्व इनके पति यूपी पुलिस में कांस्टेबल हुआ करते थे।और पति की मौत के बाद पढ़ाई पूरी करने के बाद मृतक आश्रित में सन 2013 में इन्होंने उपनिरीक्षक के पद पर पुलिस की नौकरी ज्वाइन किया।इनके परिवार में दो भाई के साथ ही साथ अन्य क‌ई सदस्य भी सरकारी नौकरी में हैं। हालांकि इन्होंने काफी लगन व मेहनत से पढ़ाई पूरी की।और इस मुकाम को हासिल किया।यह वाराणसी के विभिन्न थानों और कोतवाली में तैनात रहीं।इसके बाद चंदौली जनपद में ट्रांसफर के बाद मुगलसराय कोतवाली के शिवाला पुलिस चौकी पर भी प्रभारी रहीं।और अब वर्तमान में अलीनगर के महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक हैं।

एक वर्ष में 600 से अधिक‌ मामलों को सुलझाया गया
आपको बताते चलें कि अब तक जनपद के महिला थाने पर 601 पति पत्नी के परिवारिक विवाद को लेकर आए प्रार्थना पत्र के माध्यम से लगभग दोनों पक्षों के विवादों को सुलझाने का कार्य इस वर्ष के नवंबर माह तक किया गया।और इसमें सबसे बड़ी अहम भूमिका महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह की रही, जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से दोनों पक्षों के के विवादों को सुलझाया। उन्होंने बताया कि वह अपने प्रयासों से तलाक की दहलीज पर पहुंच चुके कई जोड़ों को एक कर चुकी हैं। बताया कि उन्हें उजड़े हुए घर बसाकर बहुत सुकून मिलता है। थाने में आने वाली हर महिला को वह यही समझाती हैं कि दोनों के बीच झगड़े व लड़ाई समाप्त हो जाएं।और दोनों शांतिपूर्वक प्रेम से दाम्पत्य जीवन गुजार सकें।

क्या कहती हैं प्रियंका
महिला उपनिरीक्षक प्रियंका सिंह कहती हैं कि अगर किसी भी क्षेत्र में एक मिसाल बनना है तो चाहे वह महिला हो या पुरुष हो उसे एक अलग राह बनानी पड़ेगी।तभी वह जीवन में सफल हो पाएगा।और उन्होंने कहा कि महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उसको सुलझाना पहला काम है।और इसी की देन है कि प्रियंका पुलिस पीड़ितों के दर्द का मरहम भी बन रही है। उन्होंने मानवता की मिसाल पेश करते हुए साबित कर दिया कि वह एक सच्ची अधिकारी हैं।और देश को ऐसे ही पुलिस वालों की जरूरत है।जो अपने फर्ज के साथ मानवता के‌ धर्म को भी न समझे।

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