Thursday, November 21, 2024
spot_img
spot_img
Homeचकियाचकिया- व्यक्ति के तरण और तारण का काम करती है राम के...

चकिया- व्यक्ति के तरण और तारण का काम करती है राम के भक्ति की धारा- मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया- जहां तक मनुष्य की दृष्टि जाएगी सब जगह उसे परमात्मा ही नजर आएंगे। व्यक्ति को कभी भगवान मोल भाव से नहीं मिलते हैं।बल्कि वह तो व्यक्ति के प्रेम भाव से प्रसन्न होकर उसे दर्शन देते हैं।जीवन की यात्रा और अंत दोनों राम नाम से ही होता है। व्यक्ति के जीवन में राम का ही नाम जुड़ा है।जो भी व्यक्ति ईश्वर की भक्ति करता है उसे कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। उक्त बातें काशी से पधारी कथावाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने राम कथा के पांचवीं निशा पर कहीं।

उन्होंने कहा कि राम के भक्ति की धारा ही मनुष्य के जीवन की तरण और तारण का काम करती है। भगवान के चरणों की धारा ही गंगा की धारा है।जो परमात्मा है वह मनुष्य को प्रिय हो सकता है, लेकिन संसारी नहीं हो सकता है।कहा कि ब्रम्ह सरस्वती के समान होता है, उन्हें देखने के लिए व्यक्ति को प्रेम की दृष्टि चाहिए। उन्होंने पांचवी निशा की कथा में भगवान श्री राम के बाल लीला, शिशु लीला, ताड़का वध, के साथ-साथ अहिल्या मोक्ष के वर्णन की चर्चा। और श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ समाज सेविका डॉक्टर गीता शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस दौरान विजयानंद द्विवेदी, रामकिंकर राय, अवध बिहारी मिश्रा, राम अवध पांडेय, रामदुलारे गौंड, परमानंद पांडेय,प्रदीप सिंह एडवोकेट, प्रधान सत्य प्रकाश गुप्ता, आलोक जायसवाल, रवि गुप्ता, दिव्या जायसवाल, सभासद ज्योति गुप्ता, मीना विश्वकर्मा, रागिनी तिवारी, संगीता देवी, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

सम्बन्धित ख़बरें

बहुचर्चित खबरें